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लेखनी कहानी -04-May-2022 वफादार जानवर

तेरी वफादारी बेमिसाल है
स्वामिभक्ति क्या कमाल है
सजग प्रहरी सा रखवाला
तू इकलौता नमकहलाल है

संतोषी इतना कि इंतजार करे
मालिक के भोजन तक सब्र धरे
जितना मिल जाये उसमें खुश
ज्यादा के लिये ना बवाल करे

तेरी ध्राण शक्ति बड़ी कमाल है
सूंघने से हल करता हर सवाल है
मालिक के आगे दुम हिलाता है
दुम दबाकर भागने में कमाल है

हरिश॔कर गोयल "हरि"
4.5.22


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4 Comments

सिया पंडित

05-May-2022 11:11 AM

Sty kaha

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Abhinav ji

05-May-2022 06:32 AM

Very nice👍

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Seema Priyadarshini sahay

04-May-2022 02:45 PM

सुंदर रचना

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